Blog on शारीरिक स्वास्थ्य से बलवान मानसिक स्वास्थ्य

शारीरिक स्वास्थ्य से बलवान मानसिक स्वास्थ्य
  • प्रस्तावना

    यदि किसी भी व्यक्ति को चीजें आसानी से मिल जाती है तो उतना ही आसानी से वह कुछ भी हो जाता है यही से उसके दुख की शुरुआत होती है आसानी से प्राप्त की गई चीज का ज्यादा लंबे समय तक महत्व नहीं रहता है और ना हम उसको मन से स्वीकार कर सकते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि जो हमने प्राप्त किया है वह सरलता से हमें मिला

    क्षमता देता दूसरी ओर जब हमें कोई चीजें कठिनाइयों मुश्किल और विपरीत परिस्थितियों से हासिल करते हैं तो उस पर हमारा संघर्ष छुपा होता है संघर्ष हमें उन विपरीत परिस्थितियों में हमें लड़ने की है हमारे मानसिक विकास को मजबूत बनाता है

    तनाव ,चिंता, कठिनाइयां हमारे जीवन में लगातार आती रहती है लेकिन अपने उच्च मानसिक स्वास्थ्य से हम उन पर कायदि किसी भी व्यक्ति को चीजें आसानी से मिल जाती है तो उतना ही आसानी से वह कुछ भी हो जाता है यही से उसके दुख बू रख सकते हैं उनसे बाहर आ सकते हैं इसके लिए हमें एक ही प्रयास करना होता है कि हमें हर परिस्थितियों में सकारात्मक रहना होता है

    तात्पर्य यह है कि आप शारीरिक रूप से भले ही कमजोर हूं लेकिन सब सकारात्मक रवैया से किसी भी स्तर पर जाना आसान हो जाता है

    इसीलिए कहा गया है कि मन के जीते जीत मन के हारे हार

    • अपनी खुशी को सबसे ऊपर रखें
    • मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए हमें निम्न बिंदुओं का विशेष ध्यान रखना जरूरी है
    • जब भी आपको लगता है की आपको मदद की जरूरत हो मदद अवश्य ले कोन क्या सोचता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
    • अपनी तुलना किसी से भी ना करें आप जो है श्रेष्ठ है
    • जीवन में हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहें
    • दुख की कोई घटना होने पर ज्यादा विचार न करें
    • मन को खुश रखने के लिए संगीत को जरूर सुन

    स्वामी विवेकानंद के अनुसार "जीवन एक लड़ाई है, मैं निरंतर संघर्ष में जीता और मरता हूं" स्वामी विवेकानंद के ये शब्द एक भावना की व्याख्या करते हैं जो वास्तव में आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर युवा के दिल की आवाज है। यह वर्तमान समाज में व्यक्ति के व्यवहार की अभिव्यक्ति के साथ-साथ "संघर्ष" शब्द द्वारा सुधार भी है।

    वर्तमान दुनिया पहले की तुलना में अधिक तनावपूर्ण हो गई है। इस तनाव को दूर करने का एक ही माध्यम है कि जब भी शिक्षा दी जाए तो बालक को आंतरिक शिक्षा देना आवश्यक है जिससे वह खुद को मानसिक रूप से मजबूत कर सके

    यह शैक्षिक प्रक्रिया है जो उन युवाओं के दबाव को कम करेगी जो प्रतिस्पर्धी दुनिया के दबाव में हैं। जीवन कौशल विकास प्राथमिक क्षेत्र है जिसे मानव संसाधन के बीच विकसित किया जाना है। व्यक्ति के जीवन कौशल के विकास का मुख्य पहलू उसकी क्षमताओं की पहचान करना है

    शारीरिक मजबूती हम खेल के माध्यम से हासिल कर सकते हैं लेकिन मानसिक मजबूती के लिए हमें सुख और दुख से उपर उठना होगा

    व्यक्ति अपने विपरीत परिस्थितियों में दुखी होकर अपने मानसिक स्थिति को मजबूत नहीं रख पाता है क्योंकि बात अच्छी हो या बुरी वो उस पर बार-बार विचार करता है यदि बात अच्छी लगी तो खुश हो जाता है और यदि बात बुरी लगी तो दुखी हो जाता है

    हम हमारी परिस्थिति के अनुसार हम सुख और दुख को बांटते हैं विचारों के अनुसार व्यक्ति की शारीरिक क्रिया होती है जिसे हम व्यवहार भी कहते हैं और व्यवहार हमेशा मानो शारीरिक होता है जोकि सुख-दुख की स्थिति पर निर्भर करता है अच्छा मानसिक स्वास्थ्य के लिए मन को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है

    व्यक्ति जो जीवन कौशल स्तर की पहचान भी कर सकता है। अज्ञात प्रतिभाओं को उचित पदोन्नति, प्रेरणा और विकास की आवश्यकता होती है जो मूल गुण हैं।

    वर्तमान में जीवन शिक्षा अध्ययन की एक नई शाखा बन गई है जो हाल के वर्षों के दौरान आकर्षित किया गया विषय के रूप में उभरा है। जीवन के सामाजिक व्यवहार पर केंद्रित है

    व्यक्ति अपने स्तर की पहचान भी कर सकता है। अज्ञात प्रतिभाओं को उचित पदोन्नति, प्रेरणा और विकास की आवश्यकता होती है जो मूल गुण हैं। प्रत्येक मनुष्य के सामाजिक व्यवहार पर केंद्रित होता है जिसमें वह व्यवहार करता है। जब मनुष्य को अवसर प्रदान किया जाता है तो वह यह साबित करने की स्थिति में होगा कि वह क्या है और एक नए ज्ञान, बुद्धि, सोच, संबंधों का निर्माण करता है। जागरूकता और योजनाएँ। वैचारिक ढांचे के निर्माण और अपेक्षाओं के निर्माण के लिए इस निर्माण को नई स्थिति में लागू किया जाएगा।

     

                             Author

         Sheela Salvi

         Assistant professor

         Faculty of Education

     

     

Inquire for your reliable future @PACIFIC ACADEMY OF HIGHER EDUCATION AND RESEARCH UNIVERSITY

Primary Contacts

PACIFIC ACADEMY OF HIGHER EDUCATION AND RESEARCH UNIVERSITY

Pacific Hills, Pratapnagar Extn.,
Airport Road, Debari, Udaipur - 313003

UG and PG Courses: +91 9672970940, +91 7665017785,
+91 7665017787
Research & PH.D: +91 9672978030, +91 9672978116
Landline No.: 02942665000

Email: info@pacific-university.ac.in
Website: www.pacific-university.ac.in

Pacific Youtube Channel

pacific-gallery

Like Us on Facebook

pacific-gallery

Copyrights © 2021. PACIFIC ACADEMY OF HIGHER EDUCATION AND RESEARCH UNIVERSITY. All Rights Reserved.