Arogyam - Survival of Ayurveda in Corona
दिनांक 25 मई, 2021 को पैसिफिक कॉलेज ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज, पी.ए.एच.ई.आर विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वधान में सत्र गूगल मीट के माध्यम द्वारा आयोजित किया गया, जिसमे डॉ. पारस टाक ने प्रो. रामेश्वर आमेटा, प्रो. के. के दवे, प्रो. सुरेश सी. आमेटा. और डॉ. प्रदीप सोनी (मुख्य वक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर, मदन मोहन मालवीय राजकिय आयुर्वेद महाविध्यालय) का स्वागत किया तथा कार्यकर्म का शुभारम्भ किया। प्रो. दवे ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए नीम गिलोय के उपयोग के लिए बताया। प्रो. रामेश्वर आमेटा ने आयुर्वेद का अर्थ बताया "आयुर = जीवन के लिए"। आयुर्वेद शरीर, मस्तिष्क तथा आत्मा को प्रभावित करता हैं। प्रो. सुरेश सी. आमेटा ने बताया कि आयुर्वेदिक इलाज से बीमारी का इलाज तो होता ही हैं साथ ही उसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं हैं। डॉ. प्रदीप सोनी ने अपने व्याख्यान में बताया कि आयुर्वेद के तीन स्तम्भ आहार-विहार, निद्रा व ब्रह्चर्य हैं. ब्रह्म-महूर्त या जल्दी उठने से कुछ हद तक निरोगी काया रहा जा सकता हैं. एक सवस्थ दिनचर्या अपनाने से कोविद-१९ से बचा जा सकता हैं. साथ ही कुछ दैनिक जीवन में आयुर्वेदिक नुस्को को अपनाकर कई बिमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं, जैसे नीम, हल्दी, लौंग का पेस्ट बनाकर दातुन करने से मुख को विषाणुरहित रख सकते हैं, नासाछिद्रों में सरसों, तिल का तेल डाला जा सकता हैं, गुनगुने पानी में सैंदा नमक, त्रिफला, फिटकरी मिलाकर गरारे करना चाहिए. उपयुक्त नुस्खों के साथ योगा, व्यायाम करने शारीरिक व मानसिक रूप से सवस्थ रहना बताया. सत्र का अंत, प्रो. रामेश्वर आमेटा, डीन और श्री दीपक व्यास, पैसिफिक कॉलेज ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज के प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर, पी.ए.एच.ई.आर विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा किया गया। यह वेबिनार में प्रतिभागियों की संख्या 50+ रही है।